“पुराना धोनी फिर लौट आया!” – लखनऊ में गूंजा माही-माही

एमएस धोनी ने एक बार फिर दिखा दिया कि उम्र महज़ एक संख्या है। 43 साल की उम्र में, अपने 18वें आईपीएल सीज़न में, माही ने चेन्नई सुपर किंग्स को एक ज़बरदस्त जीत दिलाकर फैंस को जश्न मनाने का मौका दे दिया। लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ पांच विकेट से मिली इस जीत ने सीएसके की पांच मैचों की हार का सिलसिला भी तोड़ दिया।

जब धोनी मैदान पर उतरे, तब चेन्नई को 5 ओवर में 56 रन चाहिए थे — और हालात कुछ खास नहीं लग रहे थे। लेकिन फिर जो हुआ, वो माही मैजिक था! सिर्फ 11 गेंदों में नाबाद 26 रन, चार चौके और एक कमाल का एक-हाथ से मारा गया छक्का! और वो भी लेग साइड पर! लखनऊ की भीड़ भी धोनी के नाम के नारे लगाने लगी — माही के लिए स्टेडियम का हर कोना अपना हो गया।

शिवम दुबे के साथ धोनी ने 57 रनों की मैच विनिंग पार्टनरशिप निभाई। दुबे ने बाद में कहा, “जब माही भाई आए और बॉलर्स को मारना शुरू किया, तो मेरे लिए चीजें आसान हो गईं।” और यही माही की खासियत रही है — सिचुएशन को कंट्रोल में लेना, और दबाव को मस्ती में बदल देना।

हालांकि माही को 20 रन पर एक जीवनदान मिला, लेकिन तब तक लखनऊ के हाथ से मैच फिसल चुका था। अब सिर्फ 10 गेंदों में 12 रन चाहिए थे — और धोनी इसे किसी फॉर्मेलिटी की तरह निपटा गए।

कुछ दिन पहले तक कोच स्टीफन फ्लेमिंग कह रहे थे कि धोनी अब 10 ओवर बैटिंग नहीं कर सकते, क्योंकि “घुटने पहले जैसे नहीं रहे।” लेकिन अब जब रुतुराज गायकवाड़ चोटिल हैं, माही फिर से कप्तान बने हैं — और लगता है जैसे सीएसके को वही पुराना जोश वापस मिल गया है।

सीएसके के गेंदबाज़ों ने भी शानदार काम किया। लखनऊ की ताकतवर बैटिंग को 166/7 पर रोकना आसान नहीं था। ऋषभ पंत ने 49 गेंदों में 63 रन बनाए, लेकिन निकोलस पूरन इस बार सिर्फ 8 रन पर सिमट गए। रवींद्र जडेजा ने सबसे बढ़िया गेंदबाज़ी की — 4 ओवर में सिर्फ 24 रन देकर दो विकेट।

हालांकि ये जीत बड़ी रही, लेकिन चेन्नई अभी भी पॉइंट्स टेबल में सबसे नीचे है — सात में से सिर्फ दो जीत। वहीं लखनऊ, जो तीन मैच लगातार जीत चुका था, अब चौथे स्थान पर है।

लेकिन हेडलाइन एक ही है — “धोनी इज़ बैक!”
और जब माही फॉर्म में हों, तो क्रिकेट फिर से जादुई लगने लगता है।

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I have been a fan of Cricket ever since I watched the 2002 NatWest Series Final on television. The memories of Dada's celebration, Zaheer's winning run, and Kaif's extraordinary inning are still vivid. I played the sport growing up, and I still do occasionally. I also enjoy it on the web or television. My passion for the game inspired me to start writing about it and I have been doing it since 2019. I hope readers will use my articles as a platform to discuss this beautiful sport we call "Cricket".